JAY PRAKASH NARAYAN SARVODAYA VIDYALAYA, AZAMGARH UP is a English Medium Senior Secondary School situated in Musepur(AZAMGARH). This school was established in July, 1983 & got affiliated with CBSE Board 2017 is progressing by leaps and bounds with strength of nearly 320 students and about 15 working staff. With its extremely innovative curriculum development the school emphasize on quality education with perfection and commitment from 6th to class XII
The primary aim of the institution is to impart quality education and develop in its students an integrated personality, broad mindedness and self-confidence so as to enable them to face the challenges of this progressive and modern world. Besides formal academic education, the institution aims at laying special emphasis on moral, physical, aesthetic, emotional, spiritual and cultural development of the child and creates in him an awareness of our environment, social consciousness and secularism. Swami Dayanand Saraswati, the founder of Arya Samaj and one of the greatest path finder’s of Modern India, led a crusade against superstitions and pernicious practices that plagued the inhabitants of this ancient land. He gave a new bearing and rationale through the teachings of Arya Samaj. Much that had crept in out of ignorance was gradually weeded out. Since then, the Jay Prakash Narayan Sarvodaya Vidyalaya Musepur(Azamgarh) .
समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयो में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर एवं प्रतिभावान छात्र - छात्राओं को उत्कृष्ठ शिक्षा एवं आवासीय सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है, जिसके अन्तर्गत गुणवक्तायुक्त शिक्षा के साथ -साथ निःशुल्क छात्रावास भोजन, पाठय पुस्तकें, गणवेश, खेलकूद सामग्री आदि सुविधाएं राज्य सरकार द्वारा अनुमन्य करायी जाती है। इन विद्यालयों में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, 25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग तथा 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश कराये जाने की व्यवस्था है। वर्तमान में 67 बालक विद्यालय 27 बालिकाओं हेतु विद्यालय पृथक - पृथक संचालित है। सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में कुल 94 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित किये जा रहे है। राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयो को नवोदय विद्यालयों की भांति संचालित किये जाने तथा वार्षिक शैक्षिक योजना तैयार करने हेतु कार्यवाहक प्रधानाचार्य प्रवक्ता, सहायक अध्यापकों का सहयोग प्राप्त हुआ है। निदेशक, समाज कल्याण, उ. प्र. के निर्देशन में वार्षिक शैक्षिक योजना तैयार कराकर विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था व आवासीय एकरूपता प्रदान करने हेतु प्रयास किया गया है।
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में शैशणिक व्यवस्था के उन्मुखीकरण में आधुनिक शैशणिक तकनीकी सुविधाएं भी प्रदान की जा रही है , जिसमे प्रत्येक विद्यालय में स्मार्ट क्लास रूम, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय स्वच्छ पेयजल हेतु उपकरण स्थापित है। छात्र / छात्राओं के आवासीय सुविधाओं के लिए प्रत्येक विद्यालय में सुविधायुक्त छात्रावास उपलब्ध है। विद्यालय 45 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय सी.बी.एस.ई. से सम्बद्ध होने के फलस्वरूप सी.बी.एस.ई. माधयम से संचालित किये जा रहे हैं तथा शेष विद्यालय सी.बी.एस.ई. से संबद्धीकरण हेतु प्रकिर्याधीन है। शासन की नीति के अनुसार वर्तमान 45 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में शिक्षक / शिक्षणेत्तर कार्मिकों हेतु आवास निर्मित कराये जा रहे है तथा वर्ष 2020 -21 में 49 राजकीय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में शिक्षक / शिक्षणेत्तर कार्मिकों के आवास हेतु यु. पी. स्टेट कांस्ट्रक्शन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कारपोरशन, लखनऊ के आगणन प्राप्त कर आवासीय भवनों के निर्माण की कार्यवाही करायी जा रही है। इन विद्यालयों के अतिरिक्त जनपद लखनऊ, प्रयागराज एवं सहारनपुर में शत प्रतिशत अनुदान पर तीन आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित किये जा रहे है।
To provide the students a stimulating learning environment with a technological orientation and to ensure that student of all ability levels are well equipped to meet the challenges of education, work as well as life.
“Learning is the Liberating force in Human Development”
Our school is committed to provide the holistic education with spiritual, moral, social and cultural background to the students and to make them intelligent and potential citizens of the country. The school and its mission statement speaks of confidence, service challenges, adventure, academic excellence, creativity, cooperation, tolerance, empathy and integrity. Our prime responsibility is to prepare young minds to act as leaders tomorrow.
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का शैक्षणिक सत्र केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद /माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश के घोषित समयानुरूप वर्ष के एक अप्रैल से प्रारम्भ किया जायेगा। अन्य शैक्षणिक कार्यो का संचालन संबंधित बोर्ड के निर्देशानुसार होगा।
शैक्षणिक योजना एक वैज्ञानिक मानसिकता पर कार्य करने की योजना है जिसके अंतर्गत सभी प्रकार के शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर कार्यो का समवन्य स्थापित करना है। सर्वोदय शैक्षिक योजना के अंतर्गत पूर्ण दायित्व एवं कर्तव्य को सफल बनाने में सकारात्मक द्रष्टिकोण उत्पन्न करने तथा समस्याओं के समाधान करने की योग्यता एवं सहयोगात्मक मनोवृत्ति को ध्यान में रखकर शैक्षिक उन्ननयन को प्रत्येक स्तर पर विकसित करना है। यह संस्थगात योजना उद्देश्य की प्राप्ति एवं उपलब्धि के लिए बौद्धिक क्षमता, उपयोगिता एवं स्रोतों का प्रयोग करना है।
संस्थागत योजना के मुख्य बिन्दुओं के अन्तर्गत संस्था को विकसित करने के लिए सभी दिशाओ में बोध करता है। इसके अन्तर्गत मुख्य रूप से विद्यालय में योजनायें समग्र रूप से लागु करने के लिए विद्यालय में निम्नवत क्षेत्रो को सम्मिलित किया जा सकता है।